Thursday, February 10, 2011

Dost

दोस्त जिन्होंने जीवन पूर्ण किया है
मुझे मेरे होने का एहसास दिया है


मुझे बताया है
की, मेरी खामियां
इतनी भी बुरी नहीं
की मेरी अच्छाइयों  पर हावी हो सके
और मेरी संकल्प सकती
इतनी क्षीण भी नहीं
की, मैं और बेहतर होने का प्रयास न करूँ


कुछ इस तरह उन्होंने मेरी कलाई थमी है
मेरी पांच उँगलियों को हाथ बनाया है
दो से दो कदम का रिश्ता चार नहीं
कदम दर कदम चलने को साथ बनाया है


दोस्त जिन्होंने जीवन पूर्ण किया है
उनसे ही मैंने संबंधों का विस्तार जिया है...


किसलय - सम्बन्ध सुव्यक्त 2004

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